‘Aisa Kyon Hai Mahashay? Ladkon ki Khushali Ka Shartiya Nuskha’ Series (Hindi)

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These series of 4 booklets addressed to young boys, written by well-known journalist and activist Nasiruddin and beautifully illustrated, have a twist in their tail

ऐसा क्यों हैं महाशय ?

आज सामाजिक न्याय कि परिकल्पना में एक ऐसी दुनिया कि कल्पना कि जा रही है जहां हर महिला पुरुष व अन्य को भेदभाव व हिंसा रहित तथा पूर्ण गरिमा के साथ जीने का हक हो| इस सपने को साकार करने के लिए नए सामाजिक मानदण्डों को बनाना होगा जो समता, न्याय व बराबरी पर आधारित हो |

उक्त सामाजिक मानदण्डों को बनाने तथा इसे व्यवहार में लाने के लिए सभी लोगों के साथ तथा विशेष रूप से किशोरों व युवाओं के साथ काम करने कि जरूरत पड़ेगी|

जेण्डर समानता तथा न्याय जैसे जटिल मुद्दे पर किशोरों व युवाओं के साथ काम करने के लिए ऐसी सामग्री कि जरूरत पड़ती हैं जो सरल हो तथा रोचक हो | क्या हमें पता हैं, लड़कियाँ क्या चाहती हैं किताब हमारी इस जरूरत को पूरी करती हैं तथा उम्मीद ही नहीं बल्कि पूरा विश्वास है कि जेण्डर समानता व न्याय के सपने को किशोरों व युवाओं के साथ आगे बढ़ाने के लिए मददगार होगी|

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